Domicile :मैंने देखा है कि शादी के बाद कुछ महिला सरकारी नोकरी का फॉर्म भरना चाहती है पर उनकी परेशानी यह है उनका निवास प्रमाण पत्र पिता के स्थान का है
मै लवकुश पिछले 4 साल से csc सेंटर चला रह हूँ की मेरे पास काजल नाम की लड़की आती है उनकी परेशानी ये है की सरकारी नोकरी का फॉर्म भरना चाहती है निवास प्रमाण पत्र की कारण परेशानी अ रही थी फिर मैंने बताया कि शादी के बाद महिलाओ को Husband Side Domicile यानी पति के पते पर निवास प्रमाण पत्र बनता है
क्योंकि शादी के बाद उसका सामान्य निवास स्थान (Ordinary Residence) बदल जाता है , अगर बात Caste and Residence के लाभ या मायके वाले राज्य में सरकारी नौकरी की हो, तो कुछ राज्यों में Father Side Domicile की मांग की जाती है।और अधिक जानकारी के लिये अधिकारिक वेबसाइट पर जाये|

Married Women Domicile Certificate Rules क्यों हैं इतने पेचीदा?
मैं अपने 4 साल के CSC सेंटर के अनुभव से बता रहा हूँ कि सबसे ज़्यादा गलतियाँ यहीं होती हैं। लड़कियां समझ नहीं पातीं कि उन्हें दस्तावेज़ मायके के लगाने हैं और बे ससुराल के document लगा देती है । Nivas Praman Patra Rules स्पष्ट कहते हैं कि निवास प्रमाण पत्र उस स्थान का प्रमाण है जहाँ आप वर्तमान में रह रही हो |
शादी के बाद महिला अपने पति के साथ रहने लगती है, इसलिए Domicile Certificate After Marriage आमतौर पर ससुराल के पते पर ही जारी किया जाता है। लेकिन इसमें “आरक्षण” (Reservation) का एक बड़ा बात है।
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Domicile :पति या पिता? जानिए कब किसका नाम चलेगा
Married Women Domicile Certificate Rules को दो मुख्य भागों में बांटा जा सकता है:
1. सामान्य कार्यों के लिए (Husband Side Domicile)
अगर आप राशन कार्ड,या बैंक खाता, या स्थानीय योजनाओं का लाभ लेना चाहती हैं, तो आपको पति के नाम और पते पर ही सर्टिफिकेट बनवाना चाहिए। Husband Side Domicile होना चाहिये
- आधार कार्ड: शादी के बाद पति के पते पर अपडेट होना चाहिए।
- वोटर आईडी: ससुराल के पते की होनी चाहिए।
2. सरकारी नौकरी और आरक्षण के लिए (Father Side Domicile)
यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत के कई राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार) में State Government Policy यह कहती है कि जाति (Caste) का निर्धारण जन्म से होता है।
- अगर आप अपने मायके वाले राज्य में SC/ST/OBC आरक्षण का लाभ लेना चाहती हैं, तो आपको Father Side Domicile और कास्ट सर्टिफिकेट की ज़रूरत पड़ सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों के अनुसार, आरक्षण का लाभ उस राज्य से मिलता है जहाँ से आपका वंश (Lineage) शुरू हुआ है।
Supporting Documents: निवास प्रमाण पत्र के लिए क्या चाहिए?
जब आप Married Women Domicile Certificate Rules के तहत आवेदन करती हैं, तो आपको निम्नलिखित Supporting Documents तैयार रखने चाहिए:
| स्थिति (Scenario) | ज़रूरी दस्तावेज़ (Supporting Documents) |
| पति के पते पर (Sursural) | शादी का कार्ड/मैरिज सर्टिफिकेट, पति का आधार/निवास, प्रधान या पार्षद का लेटरपैड। |
| पिता के पते पर (Maika) | पिता का निवास प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट, ग्राम प्रधान का सत्यापन। |
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अगर आप चाहती हैं कि आपका आवेदन पहली बार में स्वीकार हो जाए, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- Check Notification: जिस भी भर्ती या योजना के लिए आप अप्लाई कर रही हैं, उसकी Official Notification पढ़ें। वहां साफ़ लिखा होता है कि निवास “पति” के नाम का चाहिए या “पिता” के।
- Affidavit (शपथ पत्र): अगर नियमों में स्पष्टता न हो, तो एक Affidavit साथ लगाएं जिसमें आपकी शादी और वर्तमान निवास का विवरण हो।
- State Rules: याद रखें कि State Government Policy हर राज्य की अलग हो सकती है। उत्तर प्रदेश में विवाहित महिला का निवास पति के घर का बन सकता है, लेकिन जाति पिता के घर की ही मान्य होती है।
निष्कर्ष: Married Women Domicile Certificate Rules का सही चुनाव
शादी के बाद निवास प्रमाण पत्र बनवाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस आपको अपना उद्देश्य (Purpose) पता होना चाहिए।
- ससुराल की योजनाओं के लिए Husband Side Domicile बनवाएं।
- मायके के आरक्षण/नौकरी के लिए Father Side Domicile के नियमों की जाँच करें।
हमेशा Supporting Documents को डिजिटल फॉर्मेट में स्कैन करके रखें ताकि ऑनलाइन आवेदन में देरी न हो।
अधिकारिक वेबसाइट
आवेदन के लिये अधिकारिक वेबसाइटपर जाये