Social Media Vetting:सरकारी नौकरी की परीक्षा पास करना आज के समय में हिमालय चढ़ने जैसा है। दिन-रात की मेहनत, कोचिंग की फीस और माता-पिता की उम्मीदों के बाद जब मेरिट लिस्ट में नाम आता है, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2025-26 के इस दौर में नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) हाथ में आने से ठीक पहले एक ऐसी बाधा आ सकती है, जिसके बारे में किसी किताब में नहीं लिखा
मै नंदनी पिछले 6 साल csc सेंटर सभाल रही हूँ जिसमे मैंने पिछले कई वर्षों में हजारों छात्रों के फॉर्म भरे हैं और उनके संघर्ष को करीब से देखा है।

Social Media Background Check for Govt: मेरा अनुभव
मेरे csc सेंटर पर हर तरह के छात्र आते हैं। पिछले साल की बात है, मेरे ही सेंटर पर रोहित नाम का एक छात्र ने फॉर्म भरवाया था उसका चयन एक प्रतिष्ठित सुरक्षा बल (Security Force) में हो गया सब कुछ सही था रिटेन एग्जाम क्लियर, फिजिकल फिट और मेडिकल भी पास। लेकिन जब Police Verification Report (PVR) की बारी आई, तो मामला अटक गया।
जांच में पता चला कि 3 साल पहले एक कॉलेज प्रोटेस्ट के दौरान उसने एक ऐसी वीडियो फेसबुक पर शेयर की थी, जिसमें अभद्र भाषा और भड़काऊ नारे थे। हालाँकि वह छात्र खुद वहां मौजूद नहीं था, लेकिन उस ‘Share’ और ‘Comment’ ने उसे ‘संदिग्ध’ (Suspicious) बना दिया।
2. सोशल मीडिया वेटिंग क्या है? | Social Media Vetting
मेरा कहना है की यह सरकार द्वारा आपकी Digital Identity की जांच है। जब आप सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो इंटेलिजेंस एजेंसियां आपके फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और यूट्यूब एक्टिविटी को स्कैन करती हैं। वे यह देखना चाहती हैं कि क्या आपका व्यक्तित्व उस जिम्मेदारी के लायक है जो आपको दी जा रही है।
3. सरकारी एजेंसियां ऐसा क्यों कर रही हैं
सरकारी एजेंसियों के अनुसार, सरकार को ऐसे कर्मचारी चाहिए जो:
- निष्पक्ष (Neutral) हों: जो किसी ऐसी सोच को न मानते हों जिससे समाज में नफरत या लड़ाई-झगड़ा बढ़ता हो
- अनुशासित (Disciplined) हों: सार्वजनिक मंचों पर गरिमा बनाए रखें।
- सुरक्षित (Secure) हों:सरकार ऐसे भरोसेमंद लोग चाहती है जो नौकरी मिलने के बाद ऑफिस की ज़रूरी और गुप्त बातें बाहर किसी को न बताएं
सिविल सेवा आचरण नियमावली (Civil Services Conduct Rules) अब डिजिटल युग के हिसाब से सख्त की जा रही है। आपकी एक पोस्ट यह तय कर सकती है कि आप “देशभक्त” हैं या “अराजक”।
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4. वे 5 ‘खतरे के संकेत’ (Red Flags) जो रिजेक्शन का कारण बनते हैं
मेरे पास आने वाले छात्रों को मैं हमेशा इन 5 गलतियों से बचने की सलाह देती हूँ|जो की मैंने उस समय रोहित को दी थी
राष्ट्र विरोधी सामग्री (Anti-National Content)
देश की अखंडता, सेना या संविधान के खिलाफ कोई भी पोस्ट सबसे खतरनाक है। अगर आपने गलती से भी ऐसी कोई चीज शेयर की है, तो उसे तुरंत हटा दें।
नफरत फैलाने वाले भाषण (Hate Speech)
किसी भी जाति, धर्म या समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणी आपको “सार्वजनिक सेवा के लिए अयोग्य” बनाती है। सरकार ऐसे व्यक्ति को भर्ती नहीं करना चाहती जो समाज में दरार पैदा करे।
अवैध गतिविधियों का महिमामंडन
हथियारों के साथ फोटो डालना, नशे को बढ़ावा देना या गैर-कानूनी प्रदर्शनों का हिस्सा बनना आपकी छवि खराब करता है।
सरकारी संस्थाओं की आलोचना
भर्ती बोर्ड या न्यायपालिका के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करना यह दर्शाता है कि आप सिस्टम का सम्मान नहीं करते।
5. पुलिस सत्यापन (PVR) में सोशल मीडिया की भूमिका
जहाँ तक मेने देखा है की अब PVR सिर्फ पड़ोसियों के बयानों तक सीमित नहीं है। अब पुलिस वेरिफिकेशन फॉर्म में आपके सोशल मीडिया हैंडल्स का कॉलम भी होता है। डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) आपकी पुरानी पोस्ट्स का एक ‘सेंटीमेंट एनालिसिस’ (Sentiment Analysis) करती है।
कई छात्र सोचते हैं कि अकाउंट ‘प्राइवेट’ करने से काम चल जाएगा। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के पास विशेष अधिकार होते हैं जिनसे वे आपके पुराने ‘डिलीटेड डेटा’ तक भी पहुँच सकती हैं।
6. किन सरकारी विभागों में होती है सबसे सख्त जांच?
अगर आप नीचे दिए गए विभागों की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको 99% सावधान रहना चाहिए:
- रक्षा (Defense): थल, जल और वायु सेना।
- खुफिया विभाग: IB, RAW, NIA।
- अर्धसैनिक बल: CRPF, BSF, CISF।
- न्यायिक सेवाएं: जज और कोर्ट क्लर्क।
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7. अपनी जॉइनिंग से पहले सोशल मीडिया ऑडिट कैसे करें?
मेरे CSC सेंटर पर आने वाले हर सफल छात्र को मैं ये स्टेप्स फॉलो करने के लिए कहती हूँ|
- स्टेप 1: खुद को सर्च करें: गूगल पर अपना नाम और शहर लिखकर सर्च करें। देखें कौन सी पुरानी फोटो या कमेंट सामने आ रहा है।
- स्टेप 2: अनचाही पोस्ट्स डिलीट करें: 2015 से लेकर अब तक की अपनी टाइमलाइन चेक करें। कोई भी विवादास्पद चीज न छोड़ें।
- स्टेप 3: टैग्स चेक करें: आपके दोस्तों ने आपको किन फोटोज में टैग किया है? अगर वे ‘अनप्रोफेशनल’ हैं, तो खुद को अनटैग करें।
- स्टेप 4: प्रोफेशनल बनें: अपनी प्रोफाइल पिक्चर (DP) साफ और प्रोफेशनल रखें। LinkedIn प्रोफाइल अपडेट करें।
- स्टेप 5: प्राइवेसी का सही उपयोग: अपने पुराने राजनीतिक पोस्ट्स की ‘Visibility’ सिर्फ ‘Only Me’ कर दें या उन्हें हटा दें।
10. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या डिलीट की गई पोस्ट से भी समस्या हो सकती है?
Ans: साधारणतः नहीं, लेकिन अगर आपने कोई राष्ट्र-विरोधी या गंभीर अपराध से जुड़ी पोस्ट की थी, तो वह सर्वर रिकॉर्ड में रह सकती है। सामान्य सुधार के लिए पोस्ट डिलीट करना काफी है।
Q2. क्या व्हाट्सएप (WhatsApp) की व्यक्तिगत चैट भी चेक होती है?
Ans: व्यक्तिगत चैट चेक नहीं होती क्योंकि वह एन्क्रिप्टेड है। लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप्स में आपकी एक्टिविटी और शेयर किए गए मैसेज जांच के दायरे में आ सकते हैं।
Q3. क्या राजनीतिक विचारधारा रखना गलत है?
Ans: लोकतंत्र में विचार रखना गलत नहीं है। समस्या तब होती है जब आप संवैधानिक पदों का अपमान करते हैं या हिंसा का समर्थन करते हैं।
Q4. सोशल मीडिया जांच में कितना समय लगता है?
Ans: यह आपके पूरे पुलिस वेरिफिकेशन (PVR) का हिस्सा होता है, जिसमें आमतौर पर 20 से 45 दिन लगते हैं।
9. निष्कर्ष:
सरकारी नौकरी का रास्ता अब केवल किताबों से होकर नहीं गुजरता, बल्कि आपके स्मार्टफोन से भी गुजरता है। आपकी सालों की मेहनत और आपके माता-पिता का त्याग एक ‘गलत शेयर’ की बजय नहीं चढ़ना चाहिए।